google.com इंसानियत आज भी ज़िन्दा हैं! | एक सच्ची घटना जिसने एक परिवार की जिंदगी लौटा दी | Real Inspiring Story

इंसानियत आज भी ज़िन्दा हैं! | एक सच्ची घटना जिसने एक परिवार की जिंदगी लौटा दी | Real Inspiring Story

इंसानियत आज भी ज़िन्दा हैं! | एक सच्ची घटना जिसने एक परिवार की जिंदगी लौटा दी | Real Inspiring Story

दो दिन पहले मेरी मुलाकात एक ऐसे युवक से हुई जो मानसिक रूप से अ-स्वस्थ था और पिछले तीन महीने से हालोल बाइपास के पास भटकता जीवन बिता रहा था। 




पहले तो मुझे लगा कि यह पागल है, लेकिन हर दिन नहाना, क्लीन शेव करना और समय-समय पर बाल कटवाने की "स्वच्छता" का ख्याल रखने की आदत ने मुझे संदेह में डाल दिया, जिसके बाद थोड़ी तहकीक करने से पता चला कि वह बोलने मे हकलाता है और बोलने में झिझक रहा था।


इसके अलावा, इसकी जांच करते समय, उसके पास से कोई आईडी नहीं मिली, जिससे पता न चला कि वह कोन है और कहा से है। लेकिन उसकी आंखें मुझे इतना समझा गई कि वो अपने घर से भटक गया है और उसे घर वापस जाना हैं। 


काफी मशक्कत के बाद वो मुझे यह समझाने में सफल हुवा कि वह बिहार से है और खगड़िया जिले से है।


उसके बाद मेने बिहार के खगड़िया जिले के सभी तालुका पुलिस थानों के नंबर ढूंढ़ने के बाद बारी-बारी से सभी को फोन किया और उसका Photo WhatsApp किया.


कुछ ही समय बाद, बेलडोर पुलिस स्टेशन से एक कॉल आई जिसमें कहा गया कि उस भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट करीब साढ़े तीन महीने पहले वहां दर्ज की गई है और उसका नाम अजयकुमार है। पुलिस ने तुरंत उसके परिवार से संपर्क किया। 


उसके बाद मैंने उस रात अजय कुमार को उनकी मां से अपने फोन पर बात कारवाई। दोनों माँ - बेटे भोजपुरी में बात कर रहे थे जो मुझे समझ मे नहीं आ रहा था लेकिन मैं भावना को अच्छे से समझ सकता था। उसके आंसू से साफ जाहिर था कि उसकी माँ भी रो रही होगी। 


परिवार ने तुरंत उसे घर ले जाने की कोशिश शुरु कर दी और उसके रिश्तेदार सौरभ ठाकुर, जो गांधीधाम में काम कर रहे थे, उनको हालोल भेज दिया।



अगली शाम सौरभ ठाकुर हालोल आए और उन्होंने बताया कि ये तीन भाई हैं। कोई सुराग न मिलने पर, दोनों भाइयों ने मान लिया था कि उनका भाई मर गया होगा। तब सौरभभाई और अजय कुमार को भोजन करवाके दोनों को हालोल बस स्टेशन से वडोदरा के लिए बस में बिठा दिया। फिर मेने ऐसा अच्छा काम करने का मौका देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया। 


तो दोस्तों अगर आपको भी ऐसा कोई मिल जाए तो अपने व्यस्त जीवन से थोड़ा वक़्त निकाल कर उसके बारे में थोड़ी मदद कर देना , शायद हमें एक परिवार की लाली वापस लाने का सौभाग्य मिल जाए।




- Rutvik Vyas 

Insta - @rutvik_vyas

From : Halol(Gujarat) INDIA

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