google.com क्या हम कैमरे से डरते हैं या रब से? | Life Changing Story

क्या हम कैमरे से डरते हैं या रब से? | Life Changing Story

क्या हम कैमरे से डरते हैं या रब से?



अगर एक अकेले कमरे में एक गैर मर्द और औरत को बंद किया जाए और उनको सिर्फ इतना बता दिया जाए कि यहाँ कैमरा 📷 लगा हुआ है.जो आपकी हर एक हरकत को रिकॉर्ड कर रहा है और वक्त होने पर यह पब्लिक भी हो सकता है, तो कोई भी समझदार, इज्ज़तदार और खांदानी इंसान डर के मारे गलत हरकत नहीं करेगा कि कहीं लोगों के सामने रुसवा न हो जाऊँ। क्यों ???


इस लिए कि हमें इस छोटे से मशीन पर यकीन है और इसके मालिक पर भी है जिसने इसे लगाया है, और दुनिया में अपने जानने वालों के बीच रुसवाई का खौफ भी है। 😢


जबकि यही तन्बीह मालिक-ए-कायनात ने सच्च और हक़ किताब में फरमाया है कि आपका लम्हा-ब-लम्हा रिकॉर्ड हो रहा है और दोनों बाज़ुओं पर फ़रिश्ते मुक़र्रर किए गए हैं जिनका काम इंसान के हर काम को लिखना है, खल्वत में हो या जलवत में। रिकॉर्डिंग किसी भी फनी ख़राबी से सौ फीसद महफूज़ हैं, रिकॉर्ड डेटा एक दिन तमाम मख्लूक के सामने खुल जाएगा, चाहे वो अपने हों या पराए। क्या हमें यकीन नहीं? हम अपने रब से नहीं डरते?


"नेक वह नहीं जिस की महफ़िल पाक हो बल्कि 

नेक तो वह है जिस की तन्हाई पाक हो ।"


अल्लाह हमें रोज़-ए-महशर की रुसवाई से बचाए। आमीन..

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